देख भंसाली अपनी सारी हदों को तूने तोड़ दिया,
अहिंसक बने बैठे क्षत्रियो को पुनः हिंसा की तरफ मोड़ दिया,
पैसों के चक्कर मे तूने इतिहास से खिलवाड़ भरपुर किया,
बनने को हिंसक तूने ही हमें मजबूर किया,
अब तू ही बता क्यों ना क्षत्रिय परम्परा तुझे दिखालये हम,
वक्त आ पड़ा है वीरो की अब हथियार उठाये हम...।।
शर्म कर रे भांड तूने खिलजी जैसे को ही नायक बना दिया,
एक वहशी दरिंदे को तूने प्रेम का वाहक बना दिया,
बना गुलाम तू मुगली परम्परा का कैसा ये व्यवहार किया,
हर बार अपनी फिल्मो से हिंदू भावनाओं को तार तार किया,
कैसे करें धर्म का सम्मान ये आज तुझे सिखलाये हम,
वक्त आ पड़ा है वीरो की अब हथियार उठाये हम...।।
समय विकट था चितौड़ धरा खून से लथपथ थी,
स्वाभिमान की लड़ाई अपने अंतिम पथ पर थी,
लाल रक्त से शोभित धरा को तूने गुलाबी कर डाला,
शौर्य जीवनी को तूने आखिर क्यों प्रेम कहानी बना डाला,
क्या होता है शौर्य ये आज तुझे बतालाये हम,
वक्त आ पड़ा है वीरो की अब हथियार उठाये हम...।।
बहुत हुआ अब कैसे करे सम्मान इतिहास का ये तुझे सीखा देंगे,
क्या था क्षत्रिय शौर्य मैदान ए जंग में तुझे दिखा देंगे,
अब तू देख हर दिन कैसे ये जौहर की ज्वाला ओर प्रज्वलित होती है,
देखेंगे अब हम भी कैसे तुझसे हमारी संस्कृति यहां कलंकित होती है,
बैठ घुटनो पर मांग ले माफी ये तुझे समझाए हम,
वरना वक्त आ पड़ा है वीरो की अब हथियार उठाये हम......।।।।।
🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
*केसरिया क्रान्तिकारी*
करते चलो बढ़ते चलो
ReplyDelete