जहां के रेतीले धोरे भी सोना उपजाया करते है,
जहां के वीर शुरमे रणभेरी वचन निभाया करते है,
जहां शीश कटने पर धड़ लड़ जाया करते है,
प्रेम निशानी हेतु निज शीश तक कटवाया करते है,
अगले जन्म मुझे अगर जीवनदान मिले,
देश मिले भारत मेरा और मातृभूमि यही राजस्थान मिले..।।
जहां बचपन से ही त्याग बलिदान सिखाया जाता है,
जहां पालने में मातृभूमि का महत्त्व बताया जाता है,
जहां प्राणों से बढ़कर भी वचन निभाया जाता है,
प्रण की रक्षा हेतु एक राजा जंगल मे जीवन बिताया करता है,
हे ईश्वर अगले जन्म यही माता पिता और उनका नाम मिले,
देश मिले मुझे भारत मेरा ओर धरती राजस्थान मिले..।।
जिस भूमि पर पृथ्वीराज और वीर महाराणा ने जन्म लिया,
अकबर जैसे मुगलों का भी दम्भ चकनाचूर किया,
जहां मीरा बाई जैसी भक्ति थी,
जहर पी लिया जिसने वो अद्भुत नारी शक्ति थी,
अगले जन्म मुझे यही वीरों की धरा महान मिले,
देश मिले मुझे भारत मेरा और मातृभूमि राजस्थान मिले..।।
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राजस्थान दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
कुँवर चेतन सिंह चौहान
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