Monday, 18 February 2019

मैं हिन्द के शेरों का शौर्य सुनाने आया हूँ




भारतीय सेना को समर्पित एक छोटी सी रचना।
शीर्षक :- मैं हिन्द के शेरों का शौर्य सुनाने आया हूँ,



सन सैंतालीस से जो हुआ शुरू वो किस्सा तुम्हे बतलाता हूँ,
आओ आज तुम्हे मैं हिन्द की सेना का शौर्य दिखलाता हूँ,
वीरों की वीरता का एक एक बिंदु तुमझे समझाता हूँ,
अमर वीरता के शोणित से अंतर्मन को पिघलाता हूँ,

सेना ने जो करे स्थापित मैं वो कीर्तिमान बताने आया हूँ,
आज  हिन्द के शेरों का शौर्य सुनाने आया हूँ..।।

भारत के वीरों की वीरता को ये दुश्मन उस वक्त झेंप गए,
अपने झूठे वीरता के चोले को उतार जमीन पर फेंक गए,
दुनिया ने भी माना था लोहा कारगिल का,
जब सवा लाख सशस्त्र पाकिस्तानी घुटने अपने टेक गए,

मैं उसी विजय की आज तुम्हे याद दिलाने आया हूँ,
आज हिन्द के शेरों का शौर्य सुनाने आया हूँ..।।

ये वही सेना है जिससे पाकिस्तान पूरा थर्राता है,
जिसके आगे खुद सेनापति बाजवा नतमस्तक हो जाता है,
देख शौर्य वीरों का काली का खप्पर भी भर जाता है,
वीर अब्दुल हमीद से टकराकर अमरीकी टैंक मिट्टी में मिल जाता है,

मैं उन्ही वीरों के चरणों में शीश झुकाने आया हूँ,
आज हिन्द के शेरों का शौर्य सुनाने आया हूँ..।।

मत छेड़ो शेरों को कि अबके मौत तुम्हारी पक्की है,
ये हिन्द की सेना है ना समझ युद्ध मे कच्ची है,
पाकिस्तान मिट जाएगा नक्शे से बात ये मेरी सच्ची है,
आकर चरण चुम लो तुम भारत के यही बात तुम्हारे लिए अच्छी है,

मैं देश के वीरों के प्रति अपना फर्ज निभाने आया हूँ,
मैं हिन्द के शेरों का शौर्य सुनाने आया हूँ..।।

🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

जय हिंद
जय भारत

कुँवर चेतन सिंह चौहान
ठिकाना शाहजहांपुर

Friday, 15 February 2019

अब तो सेना के हाथ खोल दो मोदी जी


पुलवामा हमले के बाद हर भारतीय के आक्रोश को व्यक्त करती आपके छोटे भाई कुँवर चेतन सिंह चौहान की एक रचना :-

शीर्षक  -  अब तो सेना के हाथ खोल दो मोदी जी

ना जाने कितने वीरों को ये मौत की नींद सुला चुकी,
आखिर क्यों ये राजनीति महाराणा वीर शिवाजी को भुला चुकी,
देखो तुम्हारी ये खामोशी पूरे देश को रुला चुकी,
एकबार फिर आतंकी हरकत घाटी को हिला चुकी,

अब तो वीर भगत सिंह की वाणी में तुम भी कुछ बोल दो मोदी जी,
केवल एक बार ही सही सेना के हाथ खोल दो मोदी जी..।।

देखो दुष्ट पापियों ने कैसा ये अत्याचार किया,
पीठ के पीछे हमारे  शेरों पर धोखे से वार किया,
एकबार फिर से इन जिहादियों ने इंसानियत को शर्मसार किया,
देश रक्षा में जा रहे सैनिकों का निर्मम संहार किया,

अपनी भुजाओं के बल पर इन दुष्टों को तोल दो मोदी जी,
एकबार ही सही लेकिन सेना के हाथ खोल दो मोदी जी..।।

बहुत हो गयी दोस्तीनीति इसको यहीं विराम करो,
अगर अब भी मित्रता दिखलाओ तो तुम भी घर मे आराम करो,
देश रक्षा हेतु अब कुछ कठोर निर्णय का एलान करो,
सबसे पहले इन आतंकिओं का जीना तुम हराम करो,

बजे बिगुल अब युध्द का रण का बजने दो ढोल मोदी जी,
कि बस अबके सेना के हाथ खोल दो मोदी जी..।।।।

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
*कुँवर चेतन सिंह चौहान*
*ठिकाना - शाहजहांपुर*